शनिवार, 4 जुलाई 2009

बालोँ का झड़ना,उड़ना,सफेद होना!

युँ तो बालोँ का उड़ना या सफेद होना अनुवाँशिक होता है लाकिन आधुनिक जीवन
शैली से भी बालोँ की स्मस्याएँ पैदा होती है| सबसे पहले तो साबुन शैम्पु
का प्रयोग बंद कर दे बाल धोने के लिये लस्सी और बेसन का प्रयोग करेँ;
खाने मे दुध और हरी सब्जीयोँ का ज्यादा प्रयोग करेँ| आयुर्वेदिक
चिकित्सा- लगाने के लिये- भृङ्गराज तैल और पंचतिक्त
घृत दोनोँ मिलाकर दिन मे एक बार; खाने के
लिये-प्रवाल पिष्टी-250 मि ग्रा धात्री लौह-250 मि ग्रा पीने
के लिये भृंगराजासव खाना खाने के बाद;

सोमवार, 29 जून 2009

शीतपित्त, पित्ति उछलना (Urticaria)

शीतल वायु के स्पर्श से कफ़ तथा वायु प्रकुपित होकर पित्त मे मिलकर बाहर त्वचा पर तथा आन्तरिक रक्त आदि धातुओं मे फ़ैलकर शीत पित्त रोग को उत्पन्न करती है ।

शीत पित्त मे त्वचा पर भिड. , ततैया, के काटने जैसे शोथ युक्त लाल चकते दिखाई पडते है ,जिनमे अत्यधिक खुजली और जलन होती है ।

आधुनिक चिकित्सा विग्यान मे इसकॊ एलर्जी से उत्पन्न माना जाता है । आयुर्वेद मे यह रोग आमाशय से उत्पन्न माना जाता है ।

आयुर्वेदिक चिकित्सा---
अजवायन २ ग्रा. और उतना ही पुराना गुड मिलाकर गोलिया बना लो , इनको दिन मे दो या तीन बार ताजे पानी के साथ ले।

हरिद्रा खण्ड ----- दो दो चमच दिन मे दो बार ताजे पानी के साथ ।

सुतशेखर रस- २५० मि. ग्रा.
धात्री लोह --- २५० मि. ग्रा.
अविपत्तिकर चुर्ण-- २ ग्रा.
-----------------------------------
खाना खाने से पहले दो बार
--------------------------------
सारिवद्यासव--- २० मि. लि. तथा उतना ही जल मिलाकर
---------- खाना खाने के बाद दो बार।

इन योगों को लगातार ३० दिनों तक सेवन करे और रोग से सदा के लिये छुटकारा पायें।