इस रोग के लक्षण-- पेट के दाहनी ओर तीव्र वेदना, छूने मे असह्य दर्द, जवर और वमन ।
चिकित्सा-- दाना मेथी, अजवाइन सिंधि, असलिया इन चारों को दरड कर दो तोले को आठ गुणा जल मे औटा कर चतुर्थांश शेष रहने पर १ तोला पूरातन गुड मिला कर छान कर पिला दें, भोजन के बाद शंखवटी ५ रत्ती तक पानी से दे । सांय ५ बजे पुनर्नवादि क्वाथ दें ।
प्रलेप-- शूल के स्थान पर जहाँ शोथ नजर आता हो उस पर तज को पीस उस मोटा सा लेप गर्म-२ का कर दो।
प्रात:काल मे लेप करें ।