बुधवार, 27 मई 2009

रक्तज अर्श या खुनी बवासीर (Bleeding Piles)

आहा्र-विहार व्यवस्था-- खाने मे मिरच, तैलीय पदार्थ, गरिष्ठ भोजन, भारी भोजन, बार बार खाना, तले हुए भोज्य पदार्थ , इन सब से परहेज रखें। यदि कब्ज अधिक रहती है तो भोजन मे सलाद ज्यादा ले, पपीत , मोसमी फ़ल, आदि भी लाभकारी रहते है । मोटे आटे की रोटियों का प्रयोग करें, भोजन मे ज्यादा से ज्यादा लस्सी या दही का प्रयोग करे और यदि बार बार पाखने की शिकायत रहती है तो दुध का प्रयोग बन्द कर दे । पाखाना करते समय ज्यादा जोर मत लगाये ।


चिकित्सा व्यवस्था--
१ अविपत्तिकर चुर्ण- आधा चमच खाना खाने से पहले दो बार ॥
२ ईसबगोल चुर्ण- रात को कोष्ण दुध या पानी के साथ एक चमच
३ अभयारिष्ट २० मि. लि. और समान मात्रा मे जल मिलाकर खाना खाने के बाद दिन मे दो बार
४ शुद्ध रसांजन ४मि. ग्रा. शु्द्ध स्वर्ण गै्रिक २५० मि. ग्रा. और कुकरोंधा का रस मिलाकर गोली बना ले ,  एक एक गोली दिन मे दो बार ताजे पानी के साथ या लस्सी के साथ ले ।
 स्थानिक प्रयोग मे ,- शोच निवृति के बाद रसांजन को पानी मे घोल कर  उस के साथ गुदा का प्रक्षालन करे ।

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