चिकित्सा व्यवस्था--
१ अविपत्तिकर चुर्ण- आधा चमच खाना खाने से पहले दो बार ॥
२ ईसबगोल चुर्ण- रात को कोष्ण दुध या पानी के साथ एक चमच
३ अभयारिष्ट २० मि. लि. और समान मात्रा मे जल मिलाकर खाना खाने के बाद दिन मे दो बार
४ शुद्ध रसांजन ४मि. ग्रा. शु्द्ध स्वर्ण गै्रिक २५० मि. ग्रा. और कुकरोंधा का रस मिलाकर गोली बना ले , एक एक गोली दिन मे दो बार ताजे पानी के साथ या लस्सी के साथ ले ।
स्थानिक प्रयोग मे ,- शोच निवृति के बाद रसांजन को पानी मे घोल कर उस के साथ गुदा का प्रक्षालन करे ।
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