शुक्रवार, 27 मार्च 2009
बालों का झड्ना
बालो के झडने मे वातावरण , अनुवांशिक आदि मुख्य कारण होते है । आयुर्वेद मे बालो को अस्थि धातु का मल बताया गया है जब धातुओ के पोषण मे कमी हो जाती है और पित दोष अधिक बड जाता है तो बालो के झड्ने की समस्या होती है। सबसे पहले तो आप पित्त वर्धक आहार विहार से परहेज रखे ।
गरिष्ठ और तला हुआ, मसाले दार भोजन, फ़ास्ट फ़ुड, चाय, आदि से परहेज रखें।
बालो मे अपने उपयुक्त समय मे पंच तिक्त घृत और महाभृंगराज तैल दोनो मिलाकर हर रोज बालो की जड मे लगाये, तथा दहि और बेसन से बालो को धोये।
साबुन और सैम्पु से बाल कभी ना धोये।
खाने के लिये:
धात्री लौह २५० मि. ग्रा
प्रवाल पिष्टि २५० मि. ग्रा
आँवला चुर्ण १ ग्रा.
भृंगराज चुर्ण २ ग्रा
यह एक मात्रा है , सुबह शाम ताजे पानि के साथ ।
रात को सोते समय द्राक्शावलेह एक चमच दुध के साथ॥
नस्य के लिये षड बिन्दु तैल तीन तीन बुंदे डाले ।
ऎसा ३ महीनो तक करे तथा पथ्य पालन करे । आप तीन महीनो के बाद अपने आप को स्वस्थ महसुस करोगे ।
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