गुरुवार, 16 अप्रैल 2009

कमर दर्द, कटि शूल, ( Back pain)

कमर दर्द आजकल एक सामान्य समस्या है , कमर दर्द के अनेक कारण होते है , यदि हम मोडरन सांईस के हिसाब से कारण बताएं तो अनेक कारण है । लेकिन आयुर्वेद के हिसाब से कमर दर्द मुख्य रुप से वात कफ़ज होता है ,


कमर दर्द से बचने के सामन्य उपाय-- कभी भी झुक कर भार मत उठाएं, आगे की तरफ़ झुक कर काम न करें, हमेशा एक स्थिति मे मत बैठें रहे। सोने के लिये सख्त बैड का प्रयोग करें। वात प्रकोपक आहार विहार से परहेज रखें जैसे की , दिन मे चावल, कढी, आइसक्रीम, आदि मत ले


कमर दर्द को ठीक करने के लिये आयुर्वेदिक औषधियाँ-


यह एक परिक्षित योग है , बृहत वात चिन्ता मणि रस- १२५ मि. ग्रा.

योगराज गुग्ग्लु ४०० मि. ग्रा.

शुद्द शिलाजीत २५० मि. ग्रा.

यह एक मात्रा है सुबह शाम खाना खाने से पहले ( लगभग एक घन्टा पहले) दो बार शहद मे मिलाकर

बलारिष्ट २५ मि. लि. + समान मात्रा मे पानी मिलाकर दो बार खाना खाने के बाद ।

स्थानिक प्रयोग- महाविषगर्भ तैल और महानारयण तैल दोनो मिलाकर कमर की मालिश करना

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