अपने क्षेत्र के ज्यादातर नवयुवक आजकल अपनी शरिरीक बनावट को मजबूत बनाने के लिये और शरीर को सिक्स पैक बनाने के लिये अकुशल लोगो से दवाईयां ले रहे हैं । कुछ ही दिनो मे शरीर चम्ताकारी रुप् से बलवान होने लगता है । लेकिन क्या कभी आपने यह सोचा है कि जो आप दवाईयां ले रहे है वो है क्या??
इतनी जल्दी वो असर कैसे करती हैं ? क्या इनका कोई नुकसान है ? कभी नही सोचते !!!
आईए सत्य की तरफ़ चलते हैं --
अकुशल लोगो द्वारा चलाया जा रहा यह रैकट भोले भाले नवयुवको को मोत की तरफ़ ले जा रहा है ।
क्या खा रहे है आप?--- ज्यादातर बोडी मेकिंग पाऊडर मे प्रोटीन होता है लेकिन लोग इसमे एनाबोलिक स्टेरोईड्स मिलाकर बेच रहे हैं या साथ मे खाने के लिये दे रहे है ।
ऎनाबोलिक स्टेरोईड्स क्या हैं---
Anabolic steroids, technically known as anabolic-androgen steroids (AAS) or colloquially simply as "steroids" or "'roids", are drugs which mimic the effects of the male sex hormones testosterone and dihydrotestosterone. They increase protein synthesis within cells, which results in the buildup of cellular tissue (anabolism), especially in muscles. Anabolic steroids also have androgenic and virilizing properties, including the development and maintenance of masculine characteristics such as the growth of the vocal cords and body hair. The word anabolic comes from the Greek ἀναβολή anabole, "that which is thrown up, mound", and the word androgenic from the Greek ἀνδρός andros, "of a man" + -γενής -genes, "born".
Anabolic steroids were first isolated, identified and synthesized in the 1930s, and are now used therapeutically in medicine to stimulate bone growth and appetite, induce male puberty, and treat chronic wasting conditions, such as cancer and AIDS. The American College of Sports Medicine acknowledges that AAS, in the presence of adequate diet, can contribute to increases in body weight, often as lean mass increases, and that the gains in muscular strength achieved through high-intensity exercise and proper diet can be additionally increased by the use of AAS in some individuals.[2] (विकिपिडिया)
डाक्टर इस स्टॆरोईड्स का प्रयोग कुछ गिनीचुनी बिमरियों जैसे की मसल वास्टिगं, ऐड्स,कैंसर आदि मे करते हैं वो भी उसकी मात्रा का हिसाब किताब लगा कर । लेकिन आप तो उसको पता नही कब से खा रहे है और वो भी बिना किसी डाक्टर की देख रेख के । एनाबोलिक स्टॆरोईड्स एक तरह से अपने शरीर मे प्रोटिन बनाने की क्रिया को बहुत ही तेज कर देते हैं जिससे शरीर की पेशीयो मे फ़ैलावट आ जाती है , मेल सेक्स हार्मोन को उत्तेजित करने के कारण छाती की फ़ुलावट , आवाज को भारी बनाना,आदि हो जाता है ।
अत्यधिक प्रयोग से हानियां -- संक्षेप मे-- दिल की बिमारियां , ब्लड प्रैशर का बड़ना, बांझपन, सिर के बालों का झड़ना, लिवर की बिमारियां , चेहेरे या शरीर पर फ़ुन्सियों का होना, यानि की मोत को न्योता देना ।
यदि आप स्वस्थ और सुख से जीना चाहते है तो आज ही इस तरह की दवाईयों को छोड़ दे ।
इसका एक समाधान है -- आयुर्वेदिक स्पोर्ट्स मेडिसन - प्राचीन काल से चली आ रही आयुर्वेदिक दवाईयों को अपनाएं , रसायन और धातुपुष्टकर औषधियों का प्रयोग करके आप वही रिज्ल्ट्स प्राप्त कर सकते हैं जो आप इन जहरीली दवाओं के सेवन से करते हैं वो भी बिना नुकसान के । बस संयम रखे और आयुर्वेद को अपने जीवन अपनाएं ।
शहर मे आयुर्वेद के नाम से भी स्टेरोईड्स युक्त दवाईयां मिल रही है,उससे भी बचकर रहें किसी कुशल और क्वालीफ़ाईड वैद्य से ही सलाह लेकर आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन करें ।
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